
06 February 2025 | Daily Current Affairs in Hindi: भारत में प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हो रही हैं, जैसे महाराष्ट्र में भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विश्वविद्यालय स्थापित होने जा रहा है, जो शोध, नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा देगा। हरियाणा ने 1961 के ग्राम पंचायत भूमि अधिनियम में संशोधन कर अवैध रूप से कब्जाई गई भूमि को सस्ते दामों पर बेचने की अनुमति दी है, साथ ही वन्यजीव संरक्षण नियमों में भी नए बदलाव किए हैं। गुजरात में कच्छ जिले के गुनेरी गांव की अंतर्देशीय मैंग्रोव भूमि को जैव विविधता धरोहर घोषित किया गया, जिससे इस क्षेत्र का संरक्षण और भी मजबूत होगा। अफ्रीकी देशों नाइजर, माली और बुर्किना फासो ने ECOWAS से अलग होने का ऐलान किया, जिससे क्षेत्रीय राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। भारतीय सेना ने IIT गुवाहाटी के साथ मिलकर ऊँचाई वाले क्षेत्रों में बाँस से बने बंकर विकसित करने का समझौता किया, जो सैनिकों की सुरक्षा को बढ़ाएगा। चीन ने अमेरिकी टैरिफ के जवाब में नई शुल्क दरें लागू की हैं और गूगल के खिलाफ जांच शुरू की है। गुजरात ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति गठित की है, जिससे कानून व्यवस्था में समानता आएगी। मध्यप्रदेश के रीवा में सफेद बाघ प्रजनन केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिससे वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। जर्मनी के पूर्व राष्ट्रपति और IMF प्रमुख हॉर्स्ट कोहलर का निधन, जर्मनी और वैश्विक आर्थिक जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।
Daily Current Affairs in Hindi (06 February 2025)

1. महाराष्ट्र में स्थापित होगी भारत की पहली AI यूनिवर्सिटी, शोध और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
महाराष्ट्र में भारत की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी। इस परियोजना की योजना और क्रियान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव करेंगे। यह विश्वविद्यालय AI और संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देगा और इसे उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां उद्योग, शिक्षाविदों और सरकार के बीच सहयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे AI के क्षेत्र में नई खोज और नवाचार को गति मिलेगी। इसके अलावा, विश्वविद्यालय कौशल विकास, तकनीकी नवाचार और नीतिगत निर्माण पर विशेष ध्यान देगा, जिससे महाराष्ट्र को AI शिक्षा और नवाचार का एक प्रमुख केंद्र बनाया जा सके। यह पहल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के चुनावी घोषणापत्र के अनुरूप है, जिसमें विकास के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया गया था। इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य भारत को AI के वैश्विक मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाना है, जिससे युवाओं को उन्नत शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।
2. हरियाणा मंत्रिमंडल ने 1961 के ग्राम पंचायत भूमि अधिनियम में संशोधन, वन्यजीव नियम 2024 को मंजूरी दी।
हरियाणा सरकार ने हाल ही में ग्राम पंचायत भूमि (नियमन) अधिनियम, 1961 में संशोधन को मंजूरी दी है। इस संशोधन के तहत, ग्राम पंचायतों द्वारा अवैध रूप से कब्जाई गई 500 वर्ग गज तक की भूमि को बाजार मूल्य से कम कीमत पर बेचा जा सकेगा। यह निर्णय उन लोगों को राहत देगा जिनके घर अवैध रूप से ग्राम पंचायत भूमि पर बने हुए हैं। इसके अलावा, हरियाणा मंत्रिमंडल ने हरियाणा वन्यजीव (संरक्षण) नियम, 2024 को भी मंजूरी दी है। इस नियम के तहत, वन्यजीव शिक्षा, वैज्ञानिक शोध और प्रबंधन के लिए परमिट जारी करने के लिए प्रारूप तय किए गए हैं। साथ ही, यह नियम लोगों को संरक्षित क्षेत्रों में सर्वेक्षण या जांच करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं और प्रारूपों की जानकारी भी प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त, हरियाणा सरकार ने तीन करोड़ रुपये से अधिक की राशि मंजूर की है, ताकि कमीशन एजेंटों को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। यह कदम राज्य के वन्यजीव संरक्षण और ग्रामीण विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
3. महाराष्ट्र में बनेगा भारत का पहला AI विश्वविद्यालय, शोध और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा।
महाराष्ट्र में भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना की योजना और क्रियान्वयन के लिए एक कार्य बल (टास्क फोर्स) का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव करेंगे। यह विश्वविद्यालय एआई और संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देगा और इसे उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) के रूप में विकसित किया जाएगा।
यह संस्थान उद्योग, शिक्षा और सरकार के बीच सहयोग को मजबूत करेगा, जिससे एआई क्षेत्र में कौशल विकास, तकनीकी नवाचार और नीति निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। इसके माध्यम से महाराष्ट्र को एआई शिक्षा और नवाचार का केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा। यह पहल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के चुनावी घोषणापत्र के अनुरूप है, जिसमें प्रौद्योगिकी के उपयोग को विकास के लिए एक प्रमुख रणनीति के रूप में रेखांकित किया गया था। यह विश्वविद्यालय देश में एआई क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक सिद्ध होगा।
4. गुजरात के कच्छ जिले के गुनेरी गांव की अंतर्देशीय मैंग्रोव भूमि बनी राज्य की पहली जैव विविधता धरोहर।
गुजरात के कच्छ जिले के गुनेरी गांव की प्राकृतिक अंतर्देशीय मैंग्रोव भूमि को राज्य सरकार ने पहली जैव विविधता धरोहर स्थल (Biodiversity Heritage Site) घोषित किया है। यह 32.78 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है और लक्षतर तहसील में स्थित है। यह निर्णय गुजरात जैव विविधता बोर्ड की सिफारिश के बाद लिया गया है। इस क्षेत्र का संरक्षण और जैव विविधता को बनाए रखने की ज़िम्मेदारी स्थानीय जैव विविधता प्रबंधन समिति (Biodiversity Management Committee) को सौंपी गई है। इस घोषणा को जैव विविधता अधिनियम, 2002 के तहत किया गया है, जिसके अनुसार राज्य सरकार स्थानीय निकायों से परामर्श कर किसी क्षेत्र को जैव विविधता धरोहर स्थल घोषित कर सकती है। उल्लेखनीय है कि अंतर्देशीय मैंग्रोव बहुत दुर्लभ हैं और विश्व में केवल आठ स्थानों पर पाए जाते हैं। गुनेरी मैंग्रोव क्षेत्र भारत में अपनी तरह का अंतिम बचा हुआ स्थल है। यह स्थल अरब सागर से 45 किमी और कोरी क्रीक से मात्र 4 किमी की दूरी पर स्थित है, जो इसे एक विशेष पर्यावरणीय महत्व प्रदान करता है।
5. नाइजर, माली और बुर्किना फासो ने ECOWAS से औपचारिक रूप से अलग होने का फैसला किया।
नाइजर, माली और बुर्किना फासो ने आधिकारिक रूप से पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय संगठन ECOWAS (इकोवास) से अलग होने की घोषणा कर दी है। इन तीनों देशों में हाल के वर्षों में सैन्य तख्तापलट हुए, जिससे संगठन के साथ इनके संबंध खराब हो गए। माली में 2020, बुर्किना फासो में 2022 और नाइजर में 2023 में सैन्य शासन स्थापित हुआ, जिसके बाद ECOWAS ने इन देशों पर प्रतिबंध लगाए और लोकतांत्रिक सरकार बहाल करने की मांग की। इन मांगों के विरोध में तीनों देशों ने संगठन छोड़ने का फैसला लिया, जिससे ECOWAS को बड़ा झटका लगा।
ECOWAS, जिसकी स्थापना 1975 में आर्थिक एकीकरण और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए की गई थी, अब 15 की बजाय 12 देशों का समूह रह गया है। यह संगठन नागरिकों को सभी सदस्य देशों में रहने और काम करने का अधिकार देता है तथा क्षेत्र में वस्तुओं की स्वतंत्र आवाजाही की सुविधा प्रदान करता है। हालांकि, ECOWAS ने कहा है कि वह माली, नाइजर और बुर्किना फासो के लिए अपने “दरवाजे खुले” रखेगा, जिससे भविष्य में वार्ता की संभावना बनी रहे।
6. भारतीय सेना ने IIT गुवाहाटी संग ऊँचाई वाले क्षेत्रों में बाँस से बने बंकर विकसित करने का समझौता किया।
भारतीय सेना और IIT गुवाहाटी ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत ऊँचाई वाले ठंडे क्षेत्रों में पारंपरिक निर्माण सामग्री के स्थान पर बाँस-आधारित एपॉक्सी कंपोजिट का उपयोग कर बंकर बनाए जाएंगे। यह समझौता सेना की 4 कोर, जो असम के तेजपुर में स्थित है, और IIT गुवाहाटी के बीच हुआ है। यह परियोजना विशेष रूप से अरुणाचल प्रदेश जैसे क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण होगी, जहाँ भारतीय सेना को कठोर जलवायु और दुश्मन के खतरों का सामना करना पड़ता है। इन नए बाँस-आधारित बंकरों को छोटे हथियारों की गोलियों का सामना करने और संपूर्ण मौसम चक्र सहने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा। इन संरचनाओं के निर्माण के लिए हल्की लेकिन मजबूत पैनल तैयार किए जाएंगे, जो पारंपरिक सामग्रियों की तुलना में कम वजन के होंगे। इससे आपूर्ति परिवहन में समय और श्रम की बचत होगी, जिससे सैनिकों की सुरक्षा और दक्षता में वृद्धि होगी। यह नवाचार भारतीय सेना को अधिक टिकाऊ, पर्यावरण-अनुकूल और कुशल सुरक्षा समाधान प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
7. अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी के जवाब में चीन ने शुल्क लगाए, गूगल की जांच शुरू, कनाडा-मेक्सिको को राहत।
अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के फैसले के बाद, चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी वस्तुओं पर नए शुल्क लगा दिए हैं। चीन ने अमेरिकी कोयला और तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) के आयात पर 15 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है, जबकि कच्चे तेल, कृषि मशीनरी, पिकअप ट्रक और बड़ी इंजन वाली कारों पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है। इसके साथ ही, चीन ने अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल के खिलाफ जांच शुरू करने की घोषणा भी की है।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको पर लगने वाले नए टैरिफ को एक महीने के लिए टाल दिया है। यह फैसला तब आया जब दोनों देशों ने अमेरिका के साथ सीमा सुरक्षा को मजबूत करने पर सहमति जताई। कनाडा ने 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर के सीमा सुरक्षा योजना को लागू करना शुरू कर दिया है, जिसमें प्रतिबंधित फेंटानाइल ड्रग की तस्करी रोकने के लिए अधिक संसाधन शामिल हैं। वहीं, मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर 10,000 सैनिकों की तैनाती पर सहमति व्यक्त की है। चीन पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ 4 फरवरी 2025 से प्रभावी होंगे।
8. गुजरात में यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार करने हेतु 5-सदस्यीय समिति गठित, 45 दिन में रिपोर्ट देगी।
गुजरात सरकार ने राज्य के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मसौदा तैयार करने के लिए पांच-सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई कर रही हैं। समिति को 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिसके आधार पर सरकार अंतिम निर्णय लेगी।
यूनिफॉर्म सिविल कोड का उद्देश्य विभिन्न धर्मों के लिए समान नागरिक कानून लागू करना है। इसके तहत विवाह, तलाक, संपत्ति का उत्तराधिकार और लिव-इन रिलेशनशिप जैसे विषयों को एक समान कानून के दायरे में लाया जाएगा। इससे कानूनी जटिलताओं में कमी आने और समाज में समानता सुनिश्चित करने की उम्मीद है। हाल ही में उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना, जिसने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू किया है। गुजरात सरकार का यह कदम भी एक ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है, जो आने वाले समय में अन्य राज्यों के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
9. मध्यप्रदेश के रीवा में भारत का पहला सफेद बाघ प्रजनन केंद्र स्थापित होगा, वन्य पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा।
मध्यप्रदेश के रीवा जिले में भारत का पहला सफेद बाघ प्रजनन केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) ने मंजूरी दे दी है। रीवा जिला सफेद बाघों का ऐतिहासिक घर माना जाता है, जहां आखिरी बार किसी सफेद बाघ को जंगली अवस्था में देखा गया था। इस प्रजनन केंद्र की स्थापना गोविंदगढ़ में की जाएगी, जिससे वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इस परियोजना को केंद्र सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी 2011 में मिली थी। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य सफेद बाघों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उनकी संख्या में वृद्धि करना है। यह केंद्र महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी और चिड़ियाघर, मुकुंदपुर की संशोधित मास्टर योजना का एक अहम हिस्सा होगा। इस परियोजना से पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में भी सहायता मिलेगी और देश में वन्यजीव संरक्षण को मजबूती मिलेगी।
10. जर्मनी के पूर्व राष्ट्रपति और IMF प्रमुख हॉर्स्ट कोहलर का 81 वर्ष की उम्र में निधन
जर्मनी के पूर्व राष्ट्रपति और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पूर्व प्रमुख हॉर्स्ट कोहलर का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। कोहलर ने 2004 से 2010 तक जर्मनी के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया और 2000 से 2004 तक IMF के प्रमुख रहे। वे एक अनुभवी अर्थशास्त्री और प्रशासक थे, जिन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। जर्मनी के आर्थिक और वित्तीय क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
1990 में जर्मनी के पुनर्मिलन के दौरान, कोहलर ने देश की मौद्रिक एकीकरण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, यूरो मुद्रा के परिचय में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा। वे एक प्रभावशाली नेता थे, जिन्होंने जर्मनी और वैश्विक वित्तीय प्रणाली को आकार देने में योगदान दिया। कोहलर का जन्म 1943 में जर्मन-अधिकृत पोलैंड में हुआ था। उन्होंने अपने पूरे करियर में वित्त, बैंकिंग और सार्वजनिक सेवा में कई उच्च पदों पर कार्य किया। उनका निधन जर्मनी और वैश्विक आर्थिक जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।
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