3 December 2024 | Daily Current Affairs in Hindi: भारत में कई ऐतिहासिक और समकालीन घटनाओं की झलकियां मिल रही हैं। पंबन 2.0, जो भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल ब्रिज है, रामेश्वरम में जल्द ही शुरू होगा, जो रेल यातायात को तेज और सुरक्षित बनाने में मदद करेगा। फ्रांस का नॉट्रे डेम कैथेड्रल पांच साल बाद 7 दिसंबर 2024 को पुनः खुलने जा रहा है, जो ऐतिहासिक महत्व का है। भारतीय फार्मा उद्योग 2030 तक $130 अरब का हो सकता है, और 2047 तक यह $1 ट्रिलियन तक पहुंचने की संभावना है, जिससे भारतीय दवा उद्योग को वैश्विक मान्यता मिल रही है। सिंगापुर से भारत को एफडीआई का 50% हिस्सा मिलने से अर्थव्यवस्था को नया संचार मिलेगा। संयुक्त राष्ट्र के UNCCD COP16 ने पहली बार पश्चिम एशिया में आयोजित होकर भारत का अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट पेश किया, जो पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अहम कदम है। पुणे में भारत और कंबोडिया का संयुक्त टेबलटॉप अभ्यास ‘CINBAX’ शुरू किया गया है, जो रक्षा सहयोग को बढ़ावा देगा। भारत और ISA ने इंडो-पैसिफिक देशों में सौर परियोजनाओं के लिए समझौता किया है, जिससे हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। यूपी सरकार ने प्रयागराज में कुंभ मेला के लिए नया जिला घोषित किया है, जिससे प्रबंधन को बेहतर बनाया जाएगा। अक्टूबर में UPI ने 16.58 अरब लेनदेन का रिकॉर्ड बनाया है, जो डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत की सफलता को दर्शाता है। दिल्ली में एशिया-ओशिनिया मौसम उपग्रह उपयोगकर्ता सम्मेलन आयोजित होगा, जो जलवायु परिवर्तन और मौसम पूर्वानुमान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
Daily Current Affairs in Hindi (3 December 2024)
1. भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल ब्रिज, पंबन 2.0, जल्द होगा रameswaram में संचालन के लिए तैयार।
भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल ब्रिज, जिसे पंबन 2.0 के नाम से जाना जाता है, जल्द ही रामेश्वरम में चालू होने वाला है। इसे 13 और 14 नवंबर को दक्षिणी सर्कल रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ए. एम. चौधरी द्वारा निरीक्षण के बाद संचालन के लिए मंजूरी दी गई है। यह आधुनिक पुल जर्मनी और स्पेन के डाइनामिक रेल ब्रिज से प्रेरित है। निर्माण की जिम्मेदारी रेलवे के निर्माण विभाग, रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL), ने निभाई है। इसके विशेषज्ञों ने स्पेन के वेलेंसिया और बार्सिलोना तथा जर्मनी के हैम्बर्ग का दौरा किया ताकि वहां के समान संरचनाओं का अध्ययन किया जा सके। वेलेंसिया का रेल ब्रिज क्षैतिज रूप से खुलता है, जबकि बार्सिलोना का डबल बैस्क्यूल ब्रिज ऊर्ध्वाधर तरीके से खुलता है। हैम्बर्ग में पंबन 2.0 के समान वर्टिकल लिफ्ट ब्रिज है। 280 करोड़ रुपये की लागत से बना यह पुल 110 साल पुराने प्रतिष्ठित कैंटिलीवर पुल की जगह लेगा। इसमें 100 स्पैन हैं, जिनमें 99 स्पैन 18.3 मीटर लंबे हैं और एक नेविगेशनल स्पैन 72.5 मीटर का है। यह पुल समुद्र के ऊपर खड़ा होगा और बड़े जहाजों को गुजरने के लिए ऊर्ध्वाधर रूप से उठ सकेगा। इसकी गति सीमा 50 किमी/घंटा निर्धारित की गई है।
2. 5 साल बाद, 7 दिसंबर को फिर खुलेगा फ्रांस का ऐतिहासिक नॉट्रे डेम कैथेड्रल।
फ्रांस का ऐतिहासिक नॉट्रे डेम कैथेड्रल 7 दिसंबर को फिर से खोला जाएगा, 2019 में भयानक आग से हुई क्षति के पांच साल बाद। इस आग ने कैथेड्रल की छत और प्रसिद्ध शिखर को पूरी तरह नष्ट कर दिया था। नॉट्रे डेम कैथेड्रल को गोथिक वास्तुकला का चमत्कार माना जाता है और यह सदियों से सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक रहा है। इसकी निर्माण प्रक्रिया 1163 ईस्वी में शुरू हुई थी और इसे पूरा होने में एक सदी से अधिक समय लगा। पांच साल की बहाली प्रक्रिया के दौरान, आधुनिक सुरक्षा मानकों को पारंपरिक संरचना के साथ संतुलित करते हुए इसे फिर से तैयार किया गया है, ताकि इसके ऐतिहासिक महत्व को संरक्षित रखा जा सके। हर साल करीब 14 से 15 मिलियन पर्यटक इस कैथेड्रल को देखने आते हैं, जो इसे दुनिया के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले स्थलों में से एक बनाता है। इस पुनः उद्घाटन से न केवल फ्रांस, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का पुनरुद्धार होगा।
3. 2030 तक भारतीय फार्मा उद्योग $130 अरब का होगा, 2047 तक $1 ट्रिलियन का अनुमान।
भारत का फार्मास्युटिकल क्षेत्र तेज़ी से विकास कर रहा है और 2030 तक इसके $130 अरब तक पहुँचने की उम्मीद है, जो वर्तमान $55 अरब के आँकड़े से 58% की वृद्धि दर्शाता है। यह उद्योग न केवल घरेलू बाजार में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी मजबूत पकड़ बना रहा है। 27.85 अरब डॉलर के निर्यात राजस्व के साथ, भारत को “दुनिया की फार्मेसी” के रूप में पहचाना जा रहा है। 2047 तक, यह उद्योग $450 अरब तक पहुँच सकता है, और दीर्घकालिक दृष्टि में इसके $1 ट्रिलियन तक पहुँचने की संभावना है। भारतीय फार्मा उद्योग देश की GDP का लगभग 2% योगदान देता है और उत्पादन मात्रा में विश्व में तीसरे स्थान पर है, जबकि मूल्य के मामले में यह चौदहवें स्थान पर आता है। इसके साथ ही, भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तीसरा सबसे बड़ा बायोटेक्नोलॉजी केंद्र है और वैश्विक स्तर पर शीर्ष 12 में है। इस सफलता के पीछे कम लागत वाला निर्माण, लागत-प्रभावी शोध एवं विकास, और कुशल श्रमिकों की उपलब्धता जैसे प्रमुख कारक हैं। यह तेजी भारत को वैश्विक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक अग्रणी स्थान पर बनाए रखेगी।
4. जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत को 50% एफडीआई सिंगापुर से मिला, कुल $7.5 बिलियन का निवेश।
जुलाई-सितंबर 2024-25 की तिमाही में भारत को विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) का 50% हिस्सा सिंगापुर से प्राप्त हुआ, जो $7.5 बिलियन के बराबर है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) 43% बढ़कर $13.6 बिलियन तक पहुंच गया। सिंगापुर लंबे समय से भारत के लिए प्रमुख एफडीआई स्रोतों में से एक रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में भी सिंगापुर ने $11.77 बिलियन के एफडीआई के साथ भारत में सबसे अधिक निवेश किया था। अप्रैल 2000 से मार्च 2024 तक, सिंगापुर से भारत को कुल $159.94 बिलियन का एफडीआई प्राप्त हुआ है। इसके अलावा, भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंध भी मजबूत हैं। वर्ष 2023-24 में, सिंगापुर भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था, जिसमें कुल व्यापार $35.61 बिलियन तक पहुंच गया, जो भारत के ASEAN देशों के साथ कुल व्यापार का लगभग 29% है। ये आंकड़े दोनों देशों के आर्थिक और व्यापारिक संबंधों की गहराई को दर्शाते हैं।
5. संयुक्त राष्ट्र UNCCD COP16 पहली बार पश्चिम एशिया में, भारत ने पेश किया अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट।
2 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम सम्मेलन (UNCCD) का सोलहवां सम्मेलन (COP16) रियाद, सऊदी अरब में शुरू हुआ। यह पहली बार है जब पश्चिम एशिया इस महत्वपूर्ण पर्यावरण सम्मेलन की मेज़बानी कर रहा है। भारत सहित 197 देशों के प्रतिनिधि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं, जो UNCCD की 30वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किया। उद्घाटन के दिन, IUCN पवेलियन में भारत ने अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट (AGWP) पेश किया। यह पहल उत्तर-पश्चिम भारत के चार राज्यों में 11.5 लाख हेक्टेयर खराब हो चुकी भूमि को पुनर्स्थापित करने का लक्ष्य रखती है। यह दो सप्ताह का सम्मेलन, जो 13 दिसंबर तक चलेगा, सऊदी अरब द्वारा आयोजित सबसे बड़ा बहुपक्षीय आयोजन है। यह सरकारों, व्यवसायों और नागरिक संगठनों को टिकाऊ भूमि प्रबंधन समाधानों पर सहयोग के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करता है। भारत का AGWP अन्य देशों के लिए प्रेरणादायक मॉडल बन सकता है।
6. पुणे में भारत-कंबोडिया का संयुक्त टेबलटॉप अभ्यास ‘CINBAX’ की शुरुआत।
पुणे के विदेशी प्रशिक्षण केंद्र में भारत और कंबोडिया की सेनाओं के बीच पहला संयुक्त टेबलटॉप अभ्यास ‘CINBAX’ शुरू हुआ। यह अभ्यास 1 से 8 दिसंबर 2024 तक चलेगा। इस अभ्यास में कंबोडियाई सेना के 20 सदस्यीय दल और भारतीय सेना के इन्फैंट्री ब्रिगेड के जवान हिस्सा ले रहे हैं। अभ्यास का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद-रोधी (CT) अभियानों पर चर्चा और उनके लिए संयुक्त प्रशिक्षण कार्यबल की स्थापना करना है। इसके तहत खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही अभियानों की योजना बनाई जाएगी। इस अभ्यास में साइबर युद्ध, हाइब्रिड युद्ध, सूचना संचालन, आपदा प्रबंधन, लॉजिस्टिक्स और घायलों की देखभाल जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। तीन चरणों में होने वाले इस अभ्यास का पहला चरण प्रतिभागियों को परिचित कराने और तैयारी पर केंद्रित होगा। दूसरा चरण टेबलटॉप अभ्यास के संचालन पर आधारित रहेगा, जबकि अंतिम चरण में योजनाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा और उनके निष्कर्ष निकाले जाएंगे। यह सहयोग भारत और कंबोडिया के बीच रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगा।
7. भारत और ISA ने चार इंडो-पैसिफिक देशों में सौर परियोजनाओं के लिए समझौता किया।
26 नवंबर को भारत के विदेश मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) के बीच चार इंडो-पैसिफिक देशों – फिजी, कोमोरोस, मेडागास्कर और सेशेल्स में सौर परियोजनाओं को लागू करने के लिए एक परियोजना कार्यान्वयन समझौते (PIA) पर हस्ताक्षर किए गए। यह पहल भारत द्वारा किए गए 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के तहत की जा रही है। ISA इन देशों को परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में प्रोग्रामेटिक सहायता प्रदान करेगा, जिससे इन देशों में ऊर्जा तक बेहतर पहुंच, रोजगार सृजन और उच्च गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इससे पहले, 21 सितंबर को डेलावेयर, अमेरिका में क्वाड लीडर्स समिट में जारी विलमिंगटन घोषणा में क्वाड देशों ने स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं में निजी क्षेत्र के उच्च मानक निवेश को बढ़ावा देने और नीति व सार्वजनिक वित्त के माध्यम से सहयोग करने का वादा किया था। इस समझौते से भारत का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करना है।
8. प्रयागराज में “महाकुंभ मेला” नया जिला घोषित, यूपी सरकार ने कुंभ प्रबंधन के लिए लिया फैसला।
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में “महाकुंभ मेला” नाम से एक नए जिले का गठन किया है। इस फैसले का उद्देश्य कुंभ मेले जैसे विशेष आयोजन का प्रबंधन सुगमता से करना और प्रशासनिक कार्यों को अधिक प्रभावी ढंग से संचालित करना है। यह घोषणा 2024 के माघ मेले के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। महाकुंभ, जो हर 12 वर्षों में एक बार आयोजित होता है, दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजनों में से एक है। 2025 का महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा। इस नए जिले के गठन के साथ, उत्तर प्रदेश में अब कुल 76 जिले हो गए हैं। यह कदम इस बात को सुनिश्चित करेगा कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और आयोजन से जुड़े सभी प्रशासनिक कार्यों का कुशलता से प्रबंधन किया जा सके। सरकार का यह निर्णय न केवल आयोजन के प्रभावी संचालन में सहायक होगा बल्कि इसे एक नई प्रशासनिक पहचान भी प्रदान करेगा।
9. अक्टूबर में UPI ने 16.58 अरब लेनदेन का रिकॉर्ड बनाया, ₹23.49 लाख करोड़ की राशि का हुआ संचालन।
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने अक्टूबर में 16.58 अरब वित्तीय लेनदेन का नया रिकॉर्ड बनाया है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इन लेनदेन की कुल राशि लगभग ₹23.49 लाख करोड़ रही। यह पिछले वर्ष के अक्टूबर महीने की तुलना में 45% की वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है। 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा लॉन्च किए गए UPI ने भारत के भुगतान तंत्र में क्रांति ला दी है। UPI ने विभिन्न बैंक खातों को एकल मोबाइल ऐप में एकीकृत कर फंड ट्रांसफर, मर्चेंट पेमेंट और पियर-टू-पियर लेनदेन को सरल और तेज़ बना दिया है। यह प्रणाली शेड्यूल्ड भुगतान अनुरोधों के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को लचीलापन भी प्रदान करती है। UPI ने न केवल वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित और आसान बनाया है, बल्कि छोटे व्यवसायों, व्यापारियों और आम जनता को सशक्त किया है, जिससे देश को नकदरहित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ाने में मदद मिली है। इसके अलावा, UPI ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गति पकड़ी है। वर्तमान में यह सात देशों में संचालित है, जिनमें UAE, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस, और मॉरीशस शामिल हैं, जो प्रमुख बाजारों को कवर करता है।
10. दिल्ली में होगा 14वां एशिया-ओशिनिया मौसम उपग्रह उपयोगकर्ता सम्मेलन, 4-6 दिसंबर 2024।
14वां एशिया-ओशिनिया मौसम उपग्रह उपयोगकर्ता सम्मेलन (AOMSUC-14) इस वर्ष 4 से 6 दिसंबर 2024 के बीच नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इस प्रतिष्ठित सम्मेलन की मेजबानी भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय करेंगे। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य उपग्रह अवलोकनों के महत्व को बढ़ावा देना और मौसम विज्ञान में उनके उपयोग को समझाना है। इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में लगभग 150 प्रतिनिधि विभिन्न देशों से भाग लेंगे। AOMSUC की शुरुआत वर्ष 2010 में बीजिंग, चीन से हुई थी, और तब से यह सम्मेलन हर साल एशिया-ओशिनिया क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन वैज्ञानिकों, अनुसंधानकर्ताओं और विशेषज्ञों के लिए एक मंच प्रदान करता है, जिससे उपग्रह तकनीक के नवीनतम विकास और इसके अनुप्रयोगों पर चर्चा की जा सके। नई दिल्ली में इसका आयोजन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग को और मजबूती मिलेगी।
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