11 December 2024 | Daily Current Affairs in Hindi: आईआईटी मद्रास ने पहली बार भ्रूण मस्तिष्क की 3डी छवियां जारी कीं, जो चिकित्सा शोध में मील का पत्थर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने महिला सेना अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का ऐतिहासिक निर्देश दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024 के विजेताओं को सम्मानित कर पंचायतों के विकास की सराहना की। सीरिया में असद की विदाई के बाद विद्रोही सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पीएम पोषण योजना के अंतर्गत सामग्री लागत 13.70% बढ़ी है, और नई दरें 1 दिसंबर 2024 से लागू हो गई हैं। पूर्व कर्नाटक मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया, उनके निधन से राजनीति जगत में शोक है। मानवाधिकार दिवस के अवसर पर ‘हमारा शौचालय: हमारा सम्मान’ अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिससे स्वच्छता और स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ी। विश्व मानवाधिकार दिवस के मौके पर न्याय और समानता पर जोर दिया गया। पायल कापडिया की फिल्म ‘ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट’ को गोल्डन ग्लोब नामांकन मिला, जिसने इतिहास रचा। तमिलनाडु के 1,300 साल पुराने अभयेश्वर मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई, जिससे इसका ऐतिहासिक महत्व वैश्विक स्तर पर और बढ़ गया है।
Daily Current Affairs in Hindi (11 December 2024)
1. आईआईटी मद्रास ने पहली बार भ्रूण मस्तिष्क की 3डी छवियां जारी कीं, भारत का बड़ा कदम।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) ने भ्रूण मस्तिष्क की सबसे विस्तृत और उच्च-रिज़ॉल्यूशन 3डी छवियां जारी करके एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस परियोजना को आईआईटी मद्रास के सुधा गोपालकृष्णन ब्रेन सेंटर द्वारा विकसित किया गया है। इस उन्नत मस्तिष्क मानचित्रण तकनीक ने 5,132 मस्तिष्क खंडों को कैप्चर किया है और यह भारत को वैश्विक मस्तिष्क अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी बना सकता है। यह प्रोजेक्ट पश्चिमी देशों की तुलना में मात्र 1/10 लागत में पूरा किया गया है। यह कार्य न केवल मस्तिष्क मानचित्रण तकनीक के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है, बल्कि मस्तिष्क से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए भी नए रास्ते खोलेगा। यह शोध भ्रूण से लेकर बचपन, किशोरावस्था और युवावस्था तक मस्तिष्क के विकास को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा। यह भारत को इस अत्याधुनिक विज्ञान में विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने का प्रयास है। आईआईटी मद्रास का यह योगदान विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
2. सुप्रीम कोर्ट ने महिला सेना अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकारों का उपयोग करते हुए महिला सेना अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया है। यह ऐतिहासिक फैसला न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की खंडपीठ ने सुनाया। यह मामला एक महिला अधिकारी द्वारा दायर अपील पर आधारित था, जो वर्तमान में सेना डेंटल कोर में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर आगरा में तैनात हैं। उन्होंने जनवरी 2022 में सशस्त्र बल अधिकरण (एएफटी) की क्षेत्रीय पीठ, लखनऊ के आदेश को चुनौती दी थी। इस आदेश में उन्हें तीसरे अवसर से वंचित किया गया था क्योंकि उम्र सीमा 35 वर्ष पर तय कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने उनके मामले को गंभीरता से लेते हुए यह स्पष्ट किया कि महिला अधिकारियों के साथ भेदभावपूर्ण नीतियां अब स्वीकार्य नहीं हैं। इस फैसले से सेना में लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा और महिला अधिकारियों को उनके करियर में नए अवसर प्राप्त होंगे।
3. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024 विजेताओं को सम्मानित किया।
11 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन के प्लेनरी हॉल में राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024 समारोह आयोजित किया गया। इस भव्य आयोजन का आयोजन पंचायती राज मंत्रालय द्वारा किया गया था। इस अवसर पर भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 45 विजेताओं को विभिन्न श्रेणियों में राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान किए। इन पुरस्कारों के माध्यम से पंचायतों के सतत और समावेशी विकास में उनके अद्वितीय योगदान को सम्मानित किया गया। समारोह के दौरान पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने ‘पुरस्कृत पंचायतों के कार्यों पर सर्वश्रेष्ठ प्रथाएं’ नामक एक पुस्तिका का विमोचन किया। यह पुस्तिका विजेता पंचायतों की नवाचारी और प्रभावी प्रथाओं को दर्शाती है। राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024 में दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सतत विकास पुरस्कार, नानाजी देशमुख सर्वोत्तम पंचायत सतत विकास पुरस्कार, ग्राम ऊर्जा स्वराज विशेष पंचायत पुरस्कार, कार्बन न्यूट्रल विशेष पंचायत पुरस्कार, और पंचायत क्षमता निर्माण सर्वोत्तम संस्थान पुरस्कार जैसी श्रेणियां शामिल हैं। इन पुरस्कारों के माध्यम से गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य, बाल कल्याण, जल संरक्षण, स्वच्छता, बुनियादी ढांचा, सामाजिक न्याय, सुशासन, और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में पंचायतों की उत्कृष्टता को प्रोत्साहित किया गया।
4. असद की विदाई के बाद सीरिया में विद्रोही सरकार बनाने की तैयारी में जुटे।
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन का अंत हो चुका है, और अब विद्रोही गुट नई सरकार के गठन की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। 13 साल पहले अरब स्प्रिंग के दौरान शुरू हुए सीरियाई गृहयुद्ध में 5 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई और लाखों लोग अपने घरों से बेघर हो गए। बशर अल-असद, जिन्होंने साल 2000 में सत्ता संभाली थी, उनके परिवार ने 1970 के सैन्य तख्तापलट के बाद से सीरिया पर शासन किया। असद ने खुद को आधुनिक सुधारवादी नेता के रूप में पेश किया, लेकिन जब अरब स्प्रिंग के दौरान शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए, तो उन्होंने इनका क्रूरता से दमन किया। गृहयुद्ध की शुरुआत में ही हयात तहरीर-अल-शाम (HTS) का गठन हुआ, जो विद्रोही गुटों में से एक है। युद्ध के अंतिम चरण में HTS और फ्री सीरियन आर्मी ने अलेप्पो शहर पर कब्जा किया और सैयदनाया जेल में बंद राजनीतिक कैदियों को रिहा किया। हयात तहरीर-अल-शाम ने अब सीरिया और दमिश्क को असद शासन से मुक्त घोषित कर दिया है और लड़ाकों से अपील की है कि वे सरकारी इमारतों को सुरक्षित रखें।
5. पीएम पोषण योजना के तहत सामग्री लागत 13.70% बढ़ी, नए दरें 1 दिसंबर 2024 से लागू।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) योजना के तहत सामग्री लागत में 13.70% की बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी 1 दिसंबर 2024 से प्रभावी हो चुकी है। प्राथमिक और बाल वाटिका कक्षाओं के लिए सामग्री की लागत 5.45 रुपये से बढ़ाकर 6.19 रुपये की गई है, जबकि उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए यह लागत 8.17 रुपये से बढ़ाकर 9.29 रुपये कर दी गई है। इस बदलाव के कारण केंद्र सरकार को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 425 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त खर्च उठाना होगा। पीएम पोषण योजना, जो एक केंद्र प्रायोजित पहल है, देशभर के 10 लाख से अधिक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में बाल वाटिका और कक्षा 1 से 8 तक के 11.70 करोड़ छात्रों को हर स्कूल दिवस पर एक गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराती है। इस योजना का उद्देश्य बच्चों को पोषण संबंधी सहायता प्रदान करना और स्कूलों में उनकी उपस्थिति को बढ़ाना है। संशोधित दरें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होंगी, लेकिन राज्य अपनी निर्धारित हिस्सेदारी से अधिक योगदान देने के लिए स्वतंत्र हैं। यह पहल छात्रों की शिक्षा और पोषण में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
6. पूर्व कर्नाटक सीएम व केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा का 92 वर्ष की उम्र में निधन।
पूर्व कर्नाटक मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। एसएम कृष्णा ने 11 अक्टूबर 1999 से 20 मई 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दी। इसके बाद, उन्होंने 6 दिसंबर 2004 से 8 मार्च 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया। राजनीति के अलावा, एसएम कृष्णा का खेलों और संस्कृति से गहरा जुड़ाव था। वह टेनिस खेलने के शौकीन थे और उन्हें पुरुषों के कपड़ों के डिजाइन और पढ़ने का भी बहुत शौक था।अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया। 1982 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे और 1965 में न्यूजीलैंड में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भाग लिया। 1990 में वेस्टमिंस्टर में हुए राष्ट्रमंडल संसदीय सेमिनार में भी उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया। एसएम कृष्णा का जीवन सेवा, संस्कृति, और सार्वजनिक जीवन का अद्भुत संगम था। उनका योगदान देश और कर्नाटक की राजनीति में हमेशा याद किया जाएगा।
7. मानवाधिकार दिवस पर ‘हमारा शौचालय: हमारा सम्मान’ अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के अवसर पर ‘हमारा शौचालय: हमारा सम्मान’ अभियान का सफल समापन हुआ। यह अभियान स्वच्छता को गरिमा और मानवाधिकारों से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। यह तीन सप्ताह का अभियान 19 नवंबर, विश्व शौचालय दिवस पर शुरू हुआ था, जिसका उद्देश्य भारतभर में समुदायों को जागरूक करना और स्वच्छता को सामूहिक गर्व और जिम्मेदारी का विषय बनाना था। इस अभियान के तहत, 3.35 लाख से अधिक नए व्यक्तिगत घरों के शौचालयों को मंजूरी दी गई, और 1.54 लाख से अधिक सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का मूल्यांकन कर उन्हें सुधारित किया गया। जल शक्ति मंत्रालय के तहत पेयजल और स्वच्छता विभाग द्वारा आयोजित इस पहल ने देशभर में 38 लाख से अधिक लोगों को 50,500 से अधिक कार्यक्रमों के माध्यम से जोड़ा। अभियान ने इस बात को रेखांकित किया कि स्वच्छ और कार्यशील शौचालयों तक पहुंच गरिमा, सुरक्षा और समानता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है, विशेष रूप से महिलाओं और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए। ‘हमारा शौचालय: हमारा सम्मान’ अभियान का उद्देश्य समुदायों को सशक्त बनाना था, जिसमें ग्राम पंचायतों, ब्लॉकों, जिलों और राज्यों के स्तर पर जिम्मेदारियां सौंपी गईं।
8. विश्व मानवाधिकार दिवस: 10 दिसंबर को न्याय और समानता के लिए मानव अधिकारों का उत्सव
हर साल 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है, जो मानव अधिकारों की सुरक्षा और प्रचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। 1948 में इसी दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अंगीकार किया था। यह ऐतिहासिक दस्तावेज़ हर व्यक्ति के अधिकारों की गारंटी देता है, चाहे वह किसी भी राष्ट्रीयता, निवास स्थान, लिंग, जातीयता, धर्म या अन्य किसी पहचान से संबंधित हो। इस वर्ष विश्व मानवाधिकार दिवस का विषय है “हमारे अधिकार, हमारा भविष्य, अभी।” यह थीम हमें याद दिलाती है कि न्याय और समानता एक बेहतर भविष्य की कुंजी हैं। मानवाधिकार दिवस का उद्देश्य ऐसा समाज बनाना है जहां हर व्यक्ति को समान अवसर, गरिमा और स्वतंत्रता मिले। यह दिन हमें जागरूक करता है कि अधिकारों के संरक्षण के बिना मानवता का विकास अधूरा है। हम सबका कर्तव्य है कि हम इन अधिकारों को न केवल समझें बल्कि अपने और दूसरों के जीवन में इन्हें लागू भी करें। आइए, इस विश्व मानवाधिकार दिवस पर एक न्यायपूर्ण और समानता से भरी दुनिया के निर्माण के लिए अपनी भूमिका निभाएं।
9. पायल कापडिया को गोल्डन ग्लोब नामांकन, “ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट” ने रचा इतिहास।
भारतीय फिल्म निर्देशक पायल कापडिया ने इतिहास रच दिया है। उनकी फिल्म “ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट” को 82वें गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक (मोशन पिक्चर) श्रेणी में नामांकित किया गया है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय निर्देशक को इस प्रतिष्ठित श्रेणी में नामांकन मिला है। इसके अलावा, यह फिल्म सर्वश्रेष्ठ मोशन पिक्चर (गैर-अंग्रेज़ी भाषा) श्रेणी में भी नामांकित हुई है, जिससे यह दो प्रमुख श्रेणियों में जगह बना चुकी है। इस फिल्म ने न्यूयॉर्क फिल्म क्रिटिक्स सर्कल में सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फिल्म और 2024 गोथम अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फीचर का पुरस्कार भी जीता है, जो इसकी वैश्विक प्रशंसा को और बढ़ाता है। गोल्डन ग्लोब के सर्वश्रेष्ठ निर्देशक (मोशन पिक्चर) के अन्य नामांकितों में जैक्स ऑडियार्ड (एमिलिया पेरेज़), सीन बेकर (एनोरा), एडवर्ड बर्गर (कॉनक्लेव), ब्रैडी कॉर्बेट (द ब्रूटलिस्ट), और कोराली फार्जीट (द सब्स्टेंस) शामिल हैं। एमिलिया पेरेज़ ने इस साल 10 नामांकनों के साथ गोल्डन ग्लोब की सूची में बढ़त बनाई है, जबकि द ब्रूटलिस्ट (7), कॉनक्लेव (6), और एनोरा व द सब्स्टेंस (5-5) नामांकन लेकर आगे हैं। गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स का आयोजन 6 जनवरी 2025 को होगा, जहां फिल्मों और टीवी शो की उत्कृष्टता का सम्मान किया जाएगा।
10. तमिलनाडु के 1,300 साल पुराने अभत्सहायेश्वरर मंदिर को UNESCO सम्मान मिला।
तमिलनाडु के तंजावुर जिले के थुक्काची स्थित 1,300 साल पुराने अभत्सहायेश्वरर मंदिर को 2023 में UNESCO का “डिस्टिंक्शन अवार्ड” प्रदान किया गया है। यह सम्मान मंदिर के सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के लिए दिया गया। इस ऐतिहासिक मंदिर का निर्माण राजा विक्रम चोल और राजा कुलोत्तुंग चोल ने किया था। एक समय में इस मंदिर में पाँच प्राकारम (परिक्रमा मार्ग) हुआ करते थे। मंदिर में कई देवताओं के छोटे-छोटे मंदिर भी स्थित हैं, जिनमें सौंदर्यनायकी अंबाल, अष्टभुजा दुर्गा परमेश्वरी, आदि सरभेश्वरर, पिल्लैयार, मुरुगन, चंडिकेश्वरर, दो भैरव, दो सूर्य, और दो नाग देवताओं के मंदिर प्रमुख हैं। इस पुरस्कार की घोषणा UNESCO एशिया-पैसिफिक पुरस्कार 2023 के तहत सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण श्रेणी में की गई। यह सम्मान इस मंदिर की अद्वितीय वास्तुकला, ऐतिहासिक महत्व, और परंपरा को संरक्षित करने के प्रयासों को मान्यता देता है।
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