
12 February 2025 | Daily Current Affairs in Hindi: भारत ने 2025 पैरा तीरंदाजी एशिया कप में 6 स्वर्ण समेत 12 पदक जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। बांग्लादेश सरकार ने हिंसा रोकने के लिए ‘ऑपरेशन डेविल हंट’ चलाया, जिसमें 1,300 से अधिक गिरफ्तारियां हुईं। भारत ने एम्स, नई दिल्ली में पहला स्वदेशी स्वचालित जैव-चिकित्सा अपशिष्ट संयंत्र ‘सृजनम’ लॉन्च किया। भारत-ईएफटीए डेस्क शुरू होने से भारत को $100 अरब निवेश की उम्मीद है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने स्टील और एल्यूमिनियम पर 25% टैरिफ बढ़ा दिया, जिससे व्यापार तनाव बढ़ सकता है। एचएएल ने HJT-36 ट्रेनर जेट का नाम बदलकर ‘यशस’ रखा, जो उन्नत तकनीक से लैस है। FAO ने सोमालिया में जलवायु अनुकूल कृषि के लिए $95 मिलियन की ‘उगबाद’ परियोजना शुरू की। NSG के वरिष्ठ अधिकारी दीपक कुमार केडिया को ‘CA इन पब्लिक सर्विस’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। केनरा बैंक ने डॉ. माधवंकुट्टी जी को अपना मुख्य अर्थशास्त्री नियुक्त किया। नई दिल्ली में IIAS-DARPG इंडिया कॉन्फ्रेंस 2025 शुरू हुआ, जिसमें वैश्विक प्रशासनिक सुधारों पर चर्चा हो रही है। ये घटनाएं वैश्विक व्यापार, पर्यावरण, रक्षा और प्रशासनिक सुधारों में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती हैं।
Daily Current Affairs in Hindi (12 February 2025)

1. 2025 पैरा तीरंदाजी एशिया कप में भारत ने 6 स्वर्ण पदकों के साथ शानदार प्रदर्शन किया।
2025 पैरा तीरंदाजी एशिया कप में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 12 पदक जीते, जिनमें 6 स्वर्ण, 3 रजत और 3 कांस्य पदक शामिल हैं। यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता 2 से 11 फरवरी तक थाईलैंड में आयोजित हुई थी, जहां भारतीय तीरंदाजों ने अपना दबदबा कायम रखा। अंतिम दिन भारत ने 6 पदक अपने नाम किए, जिनमें 2 स्वर्ण पदक भी शामिल थे। महिलाओं की कंपाउंड ओपन श्रेणी में सरिता ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि पुरुषों की कंपाउंड ओपन श्रेणी में श्याम सुंदर स्वामी ने स्वर्ण पर कब्जा जमाया। इन बेहतरीन प्रदर्शनों ने भारत को पदक तालिका में शीर्ष स्थान दिलाने में अहम भूमिका निभाई। पूरे टूर्नामेंट में भारतीय तीरंदाजों ने जबरदस्त कौशल और आत्मविश्वास दिखाया, जिससे देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गर्व महसूस हुआ। यह उपलब्धि भारतीय पैरा तीरंदाजी के उज्ज्वल भविष्य का संकेत देती है और आने वाले वर्षों में और भी बड़े लक्ष्यों की ओर बढ़ने की प्रेरणा देती है।
2. बांग्लादेश में हिंसा रोकने के लिए ‘ऑपरेशन डेविल हंट’ शुरू, 1,300 से अधिक गिरफ्तार।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बढ़ती हिंसा पर काबू पाने के लिए ‘ऑपरेशन डेविल हंट’ शुरू किया है। यह अभियान मुख्य रूप से आवामी लीग के नेताओं और उनकी संपत्तियों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए चलाया जा रहा है। सुरक्षा बलों ने इस अभियान के तहत अब तक 1,300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जो भी व्यक्ति अस्थिरता फैलाने की कोशिश करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री शेख हसीना को अगस्त 2024 में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद सत्ता से हटना पड़ा था, जिसके बाद स्थिति और बिगड़ गई। कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सरकार ने एक विशेष कमांड सेंटर भी स्थापित किया है, जो इस अभियान की निगरानी करेगा। इस बीच, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने 11 फरवरी से देशव्यापी रैलियों की घोषणा की है, जिससे तनाव और बढ़ सकता है। अब यह देखना होगा कि ‘ऑपरेशन डेविल हंट’ सरकार की स्थिरता बहाल कर पाएगा या विरोध प्रदर्शन और तेज होंगे।
3. भारत का पहला स्वदेशी स्वचालित जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उपचार संयंत्र लॉन्च, टिकाऊ समाधान की ओर कदम।
10 फ़रवरी को, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एम्स, नई दिल्ली में भारत के पहले स्वदेशी स्वचालित जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उपचार संयंत्र का उद्घाटन किया। इस संयंत्र को “सृजनम” नाम दिया गया है और इसे सीएसआईआर-एनआईआईएसटी (राष्ट्रीय अंतःविषय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान) द्वारा विकसित किया गया है। यह तकनीक पर्यावरण के अनुकूल है और जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है।
“सृजनम” रिग रक्त, मूत्र, बलगम और प्रयोगशाला के डिस्पोजेबल कचरे जैसे रोगजनक जैव-चिकित्सा अपशिष्ट को निष्क्रिय कर सकता है, वह भी बिना महंगे और ऊर्जा-गहन भट्टियों के उपयोग के। यह न केवल विषाक्त कचरे की बदबू को समाप्त करता है, बल्कि उसमें एक सुखद सुगंध भी जोड़ता है, जिससे अपशिष्ट प्रबंधन अधिक सुविधाजनक बनता है। यह संयंत्र प्रतिदिन 400 किलोग्राम जैव-चिकित्सा कचरा संभालने में सक्षम है और प्रारंभिक चरण में 10 किलोग्राम जैविक चिकित्सा कचरे का उपचार कर सकता है। इस नवाचार से भारत में सतत और प्रभावी जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।
4. भारत-ईएफटीए डेस्क लॉन्च: व्यापार वृद्धि व $100 अरब निवेश की उम्मीद
10 फरवरी को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के अधिकारियों के साथ नई दिल्ली में भारत-ईएफटीए डेस्क का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य भारत और ईएफटीए देशों—स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टाइन—के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करना है। यह नया मंच व्यापार सुगमता, नियामक मार्गदर्शन और निवेश प्रोत्साहन में सहायता करेगा। मार्च 2024 में भारत और ईएफटीए के बीच व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (TEPA) पर हस्ताक्षर हुए थे, जो व्यापार बाधाओं को कम करने और निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस समझौते से भारत को आगामी वर्षों में $100 अरब का निवेश मिलने की संभावना है। ईएफटीए डेस्क विशेष रूप से उन व्यवसायों को समर्थन देगा जो भारत में अपने परिचालन का विस्तार करना चाहते हैं। यह पहल न केवल व्यापार को बढ़ावा देगी बल्कि यूरोपीय उत्पादों के लिए भारतीय बाजार में अवसर भी खोलेगी।
5. ट्रम्प ने स्टील और एल्यूमिनियम पर 25% टैरिफ बढ़ाया, सभी छूट और अपवाद किए खत्म।
10 फरवरी को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्टील और एल्यूमिनियम आयात पर टैरिफ को 25% तक बढ़ाने की घोषणा की, जो किसी भी छूट या अपवाद के बिना लागू होगी। यह कदम अमेरिकी उद्योगों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है, लेकिन इससे व्यापार युद्ध के और बढ़ने का खतरा भी बढ़ गया है। ट्रम्प द्वारा हस्ताक्षरित नए आदेश के तहत, एल्यूमिनियम पर टैरिफ को 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया गया है, और पूर्व में दिए गए सभी देश-विशेष छूट, कोटा समझौते और हजारों उत्पाद-विशिष्ट कर छूट को समाप्त कर दिया गया है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि ये टैरिफ 4 मार्च से प्रभावी होंगे।
यह शुल्क कनाडा, ब्राजील, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों से आने वाले लाखों टन स्टील और एल्यूमिनियम पर लागू होंगे, जो पहले शुल्क-मुक्त प्रवेश कर रहे थे। यह घोषणा 2018 में ट्रम्प द्वारा लागू किए गए “सेक्शन 232” टैरिफ के विस्तार का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से घरेलू इस्पात और एल्यूमिनियम उद्योगों की रक्षा करना है। इसके अलावा, ट्रम्प ने एक नया उत्तरी अमेरिकी मानक भी लागू किया है, जिसके तहत स्टील को “पिघलाया और डाला” और एल्यूमिनियम को “पिघलाया और ढाला” जाना चाहिए, जिससे चीनी और रूसी धातुओं के न्यूनतम प्रसंस्करण के जरिए अमेरिकी बाजार में प्रवेश को रोका जा सके।
6. एचएएल ने HJT-36 ट्रेनर जेट का नाम बदलकर ‘यशस’ रखा, उन्नत एवियोनिक्स और आधुनिक कॉकपिट से लैस।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने अपने प्रमुख जेट ट्रेनर विमान HJT-36 का नाम बदलकर ‘यशस’ कर दिया है। यह विमान स्टेज-II पायलट प्रशिक्षण के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसे काउंटर-इंसर्जेंसी व काउंटर-सर्फेस फोर्स ऑपरेशंस में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, यह आयुध प्रशिक्षण और एरोबेटिक्स के लिए भी उपयुक्त है। ‘यशस’ को FADEC-नियंत्रित AL-55I जेट इंजन से शक्ति मिलती है, जो इसे उत्कृष्ट थ्रस्ट-टू-वेट अनुपात प्रदान करता है। यह अत्याधुनिक एवियोनिक्स और एक अल्ट्रा-मॉडर्न कॉकपिट से लैस है, जिससे इसकी संचालन क्षमता और भी बेहतर हो गई है। इस नए नाम के साथ विमान को बेंगलुरु में चल रहे एयरो इंडिया 2025 में प्रस्तुत किया गया। HAL की यह पहल भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षण क्षमताओं को और सशक्त बनाएगी, जिससे युवा पायलटों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। ‘यशस’ के अपग्रेड्स इसे भविष्य के हवाई अभियानों के लिए और अधिक प्रभावी बनाते हैं।
7. सोमालिया में FAO ने $95 मिलियन ‘उगबाद’ कृषि परियोजना शुरू की, जो जलवायु अनुकूलन को बढ़ावा देगी।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने सोमालिया में “उगबाद” नामक जलवायु-लचीली कृषि परियोजना शुरू की है। अक्टूबर 2024 में स्वीकृत, यह सात-वर्षीय, $95 मिलियन की परियोजना स्थानीय समुदायों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने और उनकी खाद्य प्रणालियों को मजबूत करने में मदद करेगी। “उगबाद” का अर्थ “आशा का प्रतीक” है, और यह परियोजना सोमालिया में कृषि उत्पादन बढ़ाने, आजीविका को सुरक्षित करने और भूमि की उत्पादकता को बहाल करने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश करेगी। सोमालिया की 65 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है, लेकिन जलवायु परिवर्तन, सूखा और बाढ़ जैसी चुनौतियों ने इस क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस परियोजना का उद्देश्य कृषि तकनीकों को जलवायु के अनुकूल बनाना, संसाधनों का कुशल प्रबंधन करना और स्थानीय किसानों को सशक्त बनाना है। “उगबाद” पहल न केवल खाद्य सुरक्षा में सुधार करेगी, बल्कि स्थायी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगी।
8. एनएसजी के वरिष्ठ अधिकारी दीपक कुमार केडिया को आईसीएआई द्वारा ‘CA इन पब्लिक सर्विस’ सम्मान
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के मुख्यालय में महानिरीक्षक (IG) के रूप में कार्यरत दीपक कुमार केडिया को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) द्वारा ‘CA इन पब्लिक सर्विस’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें सार्वजनिक सेवा, विशेष रूप से कानून प्रवर्तन और राष्ट्रीय सुरक्षा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मान नई दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड फोरम ऑफ अकाउंटेंट्स मीट के दौरान दिया गया।
दीपक कुमार केडिया को इससे पहले गणतंत्र दिवस के अवसर पर ‘राष्ट्रपति विशिष्ट सेवा पदक’ से भी सम्मानित किया गया था। वे अपने विशिष्ट योगदान और अनुकरणीय सेवा के कारण ‘CA इन यूनिफॉर्म’ के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। उनकी पेशेवर यात्रा केवल सुरक्षा सेवाओं तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) में भी कार्य किया है। केडिया की यह उपलब्धियां चार्टर्ड अकाउंटेंसी के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कौशल और राष्ट्रीय सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
9. डॉ. माधवंकुट्टी जी को केनरा बैंक का मुख्य अर्थशास्त्री नियुक्त किया गया, जनवरी 2025 से प्रभावी।
केनरा बैंक ने डॉ. माधवंकुट्टी जी को अपना नया मुख्य अर्थशास्त्री नियुक्त किया है, जिनकी नियुक्ति जनवरी 2025 से प्रभावी होगी। इससे पहले, वे बैंक ऑफ इंडिया, आदित्य बिड़ला ग्रुप और टाइम्स ग्रुप में वरिष्ठ अर्थशास्त्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। अपने नए पद पर, वे बैंक के शीर्ष प्रबंधन को आर्थिक और वित्तीय क्षेत्र के महत्वपूर्ण घरेलू और वैश्विक विकास पर रणनीतिक सलाह देंगे। केनरा बैंक की स्थापना जुलाई 1906 में हुई थी और इसका मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है। यह 1969 में राष्ट्रीयकृत किया गया था और तब से भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक बना हुआ है। बैंक की विस्तार योजनाओं के तहत सरकार ने सिंडिकेट बैंक का विलय केनरा बैंक में कर दिया। वर्तमान में, के सत्यानारायण राजू बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (MD & CEO) के पद पर कार्यरत हैं। डॉ. माधवंकुट्टी जी की नियुक्ति बैंक के आर्थिक दृष्टिकोण को और अधिक प्रभावशाली बनाने में सहायक होगी।
10. IIAS-DARPG इंडिया कॉन्फ्रेंस 2025 नई दिल्ली में शुरू, प्रशासनिक सुधारों पर वैश्विक चर्चा जारी।
नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में IIAS-DARPG इंडिया कॉन्फ्रेंस 2025 की भव्य शुरुआत हो गई है। इस प्रतिष्ठित सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया। यह सम्मेलन इस महीने की 14 तारीख तक चलेगा और इसमें 55 देशों से 240 से अधिक प्रतिनिधियों ने पंजीकरण कराया है। इस वर्ष का मुख्य विषय “अगली पीढ़ी के प्रशासनिक सुधार—अंतिम व्यक्ति तक पहुंच” रखा गया है। इस दौरान शासन, नीतिनिर्माण और लोक प्रशासन में नवाचारों पर गहन चर्चा की जाएगी। भारत पहली बार IIAS पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन कॉन्फ्रेंस की मेजबानी कर रहा है और ऐसा करने वाला दक्षिण एशिया का पहला देश भी बन गया है। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत विभाग (DARPG) द्वारा किया जा रहा है, जो भारत में प्रशासनिक नीतियों को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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