Daily Current Affairs in Hindi | 13 February 2025

13 February 2025 | Daily Current Affairs in Hindi: डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा एल्युमिनियम और स्टील आयात पर 25% तक शुल्क बढ़ाने के फैसले से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है। वहीं, भ्रष्टाचार सूचकांक 2024 में भारत की रैंकिंग गिरकर 96वें स्थान पर आ गई, जो सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार पर सवाल उठाती है। नई दिल्ली में भारत-यूके ऊर्जा संवाद में ASPIRE कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरुआत हुई, जो ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी सहायता और नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करेगा। इसके साथ ही, इंडिया एनर्जी वीक 2025 में 70 हजार विशेषज्ञों की भागीदारी से ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। भारत आगामी ग्लोबल एआई समिट की मेजबानी करेगा, जिससे नवाचार और रोजगार सृजन को बल मिलेगा। एरो इंडिया 2025 में यूके-इंडिया डिफेंस पार्टनरशिप की घोषणा से रक्षा सहयोग को नई दिशा मिलेगी। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने HJT-36 जेट ट्रेनर का नाम बदलकर ‘यशस’ रखा, जो पायलट प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लेबनान में नवाफ सलाम ने 2022 के बाद पहली पूर्ण सरकार बनाई है, जिससे राजनीतिक स्थिरता और सुधारों की उम्मीद है। भारतीय कैबिनेट ने दक्षिण तट रेलवे जोन के निर्माण को मंजूरी दी, जिससे आंध्र प्रदेश में रेलवे संचालन में सुधार होगा। अंत में, विश्व दलहन दिवस 2025 पर दलहनों की पोषण और पर्यावरण संरक्षण में भूमिका को रेखांकित किया गया, जो कृषि-खाद्य प्रणालियों में विविधता लाने पर जोर देता है।

Daily Current Affairs in Hindi (13 February 2025)

Current Affairs in Hindi
Daily Current Affairs in Hindi | 13 February 2025

1. ट्रम्प ने एल्युमिनियम और स्टील आयात पर शुल्क 25% तक बढ़ाए, बिना किसी छूट के।

10 फरवरी को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एल्युमिनियम और स्टील के आयात पर शुल्क को बिना किसी छूट या अपवाद के 25% तक बढ़ाने की घोषणा की। यह कदम अमेरिकी उद्योगों को समर्थन देने के उद्देश्य से उठाया गया है, लेकिन इससे बहु-मोर्चीय व्यापार युद्ध का खतरा भी बढ़ सकता है। ट्रम्प द्वारा हस्ताक्षरित घोषणाओं में एल्युमिनियम पर टैरिफ को 10% से बढ़ाकर 25% किया गया है, और इसके साथ ही देश-विशेष छूट, कोटा समझौते और सैकड़ों उत्पाद-विशिष्ट टैरिफ छूटों को समाप्त कर दिया गया है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि ये नए शुल्क 4 मार्च से प्रभावी होंगे। ये टैरिफ कनाडा, ब्राज़ील, मेक्सिको, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों से आयातित लाखों टन स्टील और एल्युमिनियम पर लागू होंगे, जो पहले शुल्क-मुक्त आते थे। यह निर्णय 2018 के सेक्शन 232 टैरिफ का विस्तार है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर घरेलू स्टील और एल्युमिनियम उद्योगों की सुरक्षा के लिए लाया गया था। साथ ही, ट्रम्प ने एक नया उत्तर अमेरिकी मानक भी लागू किया है, जिसमें स्टील को “मेल्टेड एंड पौरड” और एल्युमिनियम को “स्मेल्टेड एंड कास्ट” क्षेत्र के भीतर ही किया जाना अनिवार्य होगा, जिससे चीनी और रूसी धातुओं के आयात को नियंत्रित किया जा सके।

2. भ्रष्टाचार सूचकांक 2024: 180 देशों में भारत 96वें स्थान पर, स्कोर में एक अंक की गिरावट

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा 11 फरवरी को जारी भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) 2024 में भारत 180 देशों में 96वें स्थान पर रहा, जबकि उसका कुल स्कोर एक अंक गिरकर 38 हो गया। यह सूचकांक सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के स्तर को विशेषज्ञों और व्यापारियों के आकलन के आधार पर 0 से 100 के पैमाने पर मापता है, जहां 0 अत्यधिक भ्रष्ट और 100 बहुत साफ-सुथरा दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, क्योंकि दो-तिहाई से अधिक देशों का स्कोर 50 से कम रहा, और वैश्विक औसत 43 पर स्थिर है। भारत का स्कोर 2024 में 38, 2023 में 39 और 2022 में 40 था, जबकि 2023 में भारत की रैंकिंग 93 थी। पड़ोसी देशों में पाकिस्तान (135), श्रीलंका (121) और बांग्लादेश (149) की रैंकिंग और भी खराब रही, जबकि चीन 76वें स्थान पर रहा। सबसे कम भ्रष्टाचार वाले देशों की सूची में डेनमार्क पहले स्थान पर है, उसके बाद फ़िनलैंड, सिंगापुर, न्यूज़ीलैंड और लक्ज़मबर्ग शामिल हैं।

3. नई दिल्ली में चौथा भारत-यूके ऊर्जा संवाद, ASPIRE कार्यक्रम के दूसरे चरण का शुभारंभ

नई दिल्ली में 10 फरवरी 2025 को चौथा भारत-यूके ऊर्जा संवाद आयोजित हुआ, जिसकी सह-अध्यक्षता भारत के विद्युत मंत्री मनोहर लाल और यूके के ऊर्जा सुरक्षा और नेट जीरो मंत्री एड मिलीबैंड ने की। इस संवाद का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के ऊर्जा क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा करना था। संवाद के दौरान भारत-यूके द्विपक्षीय ‘एक्सीलरेटिंग स्मार्ट पावर एंड रिन्यूएबल एनर्जी इन इंडिया’ (ASPIRE) कार्यक्रम के दूसरे चरण की शुरुआत की घोषणा की गई। इस चरण का उद्देश्य तकनीकी सहायता प्रदान कर 24×7 बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है। साथ ही, यह चरण औद्योगिक ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने और नवीकरणीय ऊर्जा पहलों के विस्तार को भी गति देगा। भारत और यूके के बीच यह सहयोग स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म देगा और दोनों देशों के ऊर्जा क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

4. नई दिल्ली में इंडिया एनर्जी वीक 2025 की शुरुआत, 70 हजार विशेषज्ञ होंगे शामिल

इंडिया एनर्जी वीक 2025 की भव्य शुरुआत 11 फरवरी, 2025 को नई दिल्ली के यशोभूमि में हुई। यह चार दिवसीय आयोजन वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार को उजागर करने, साझेदारी स्थापित करने और ऊर्जा के भविष्य को आकार देने का लक्ष्य रखता है। इस कार्यक्रम में 700 से अधिक प्रदर्शक और 70 हजार से अधिक वैश्विक ऊर्जा विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया एनर्जी वीक 2025 का वर्चुअल उद्घाटन किया, जिससे इस आयोजन की महत्ता और भी बढ़ गई। यह वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा ऊर्जा कार्यक्रम है, जो भारत की ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।

इस आयोजन में दस देशों – कनाडा, जर्मनी, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन सहित अन्य ने अपने विशेष मंडप स्थापित किए हैं, जो तकनीकी नवाचारों और ऊर्जा समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं। इंडिया एनर्जी वीक 2025 न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में नवीनतम रुझानों को साझा करने का मंच है, बल्कि वैश्विक साझेदारी और सहयोग को भी मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करता है।

5. भारत में होगा अगला ग्लोबल एआई समिट, नवाचार और रोजगार सृजन पर जोर

भारत अगले ग्लोबल एआई समिट की मेजबानी करेगा, जिसमें नवाचार और उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार सृजन पर विशेष जोर दिया जाएगा। पिछले समिट की मेजबानी पेरिस में हुई थी, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की थी। इस बार समिट में ग्लोबल साउथ के देशों की भागीदारी को प्राथमिकता दी जाएगी। भारत ने अंतरराष्ट्रीय शासन, कार्यस्थल का भविष्य, सुरक्षा, एआई के सामाजिक हितों और सांस्कृतिक नवाचार जैसे पांच प्रमुख कार्य समूहों में सक्रिय भूमिका निभाई है। चीन, फ्रांस, जर्मनी और भारत उन 61 देशों में शामिल हैं जिन्होंने “एआई को खुला, समावेशी, पारदर्शी, नैतिक, सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने” और “मानवता व पर्यावरण के लिए टिकाऊ” रखने पर सहमति व्यक्त की है। हालांकि, अमेरिका और ब्रिटेन ने पेरिस एआई समिट के “समावेशी और सतत कृत्रिम बुद्धिमत्ता” पर आधारित घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

6. एरो इंडिया 2025 में यूके-इंडिया डिफेंस पार्टनरशिप और नए रक्षा समझौतों की घोषणा

10 फरवरी 2025 को एरो इंडिया 2025 के पहले दिन यूके-इंडिया डिफेंस पार्टनरशिप – इंडिया (DP-I) का औपचारिक शुभारंभ हुआ। यह पहल यूके के रक्षा मंत्रालय में एक समर्पित इकाई के रूप में स्थापित की गई है, जिसका उद्देश्य भारत के साथ रक्षा सहयोग को गहरा बनाना है। इस अवसर पर भारत और यूके के बीच कई महत्वपूर्ण रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों में मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPADS) और लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल (LMM) का भारत में उत्पादन शामिल है। इसके अलावा, भारत में एक उन्नत शॉर्ट-रेंज एयर टू एयर मिसाइल (ASRAAM) असेंबली और टेस्ट सुविधा स्थापित की जाएगी।

भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए एकीकृत फुल इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन (IFEP) सिस्टम के डिज़ाइन और विकास के लिए यूके और भारत ने इरादे के बयान (SOI) पर हस्ताक्षर किए। थेल्स यूके और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) के बीच लेज़र बीम-राइडिंग MANPADS (LBRMs) की आपूर्ति के लिए अनुबंध किया गया। इसके साथ ही, STARStreak हाई-वेलोसिटी मिसाइलों की आपूर्ति इस वर्ष की जाएगी और थेल्स और BDL लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइलों (LMMs) के उत्पादन में भी सहयोग करेंगे। GE वर्नोवा और BHEL मिलकर भारत का पहला समुद्री लैंड-बेस्ड टेस्टिंग फ़ैसिलिटी विकसित करेंगे, जिससे 2030 तक लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक (LPD) की आपूर्ति हो सकेगी।

7. हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स ने HJT-36 जेट ट्रेनर का नाम बदलकर ‘यशस’ रखा

हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने अपने प्रमुख HJT-36 जेट ट्रेनर विमान का नाम बदलकर ‘यशस’ रखा है। यह विमान स्टेज II पायलट प्रशिक्षण के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसमें काउंटर-इंसर्जेंसी, काउंटर-सर्फेस फोर्स ऑपरेशन्स, आयुध प्रशिक्षण और एरोबेटिक्स करने की क्षमता है। ‘यशस’ को FADEC-नियंत्रित AL-55I जेट इंजन द्वारा संचालित किया गया है, जो इसे बेहतरीन थ्रस्ट-टू-वेट अनुपात प्रदान करता है।
बेंगलुरु में चल रहे एयरो इंडिया 2025 में ‘यशस’ का अनावरण किया गया, जहां इसे उन्नत एवियोनिक्स और अत्याधुनिक कॉकपिट के साथ प्रस्तुत किया गया। ये अपग्रेड इसे सेवा में शामिल होने के लिए और अधिक प्रभावी और सुरक्षित बनाते हैं। HAL का यह कदम भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षण कार्यक्रम को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।

8. लेबनान में नवाफ़ सलाम ने 2022 के बाद पहली पूर्ण सरकार बनाई, सुधारों का वादा

लेबनान में नवाफ़ सलाम ने 2022 के बाद पहली बार पूर्ण सरकार का गठन किया है। राष्ट्रपति जोसेफ औन ने पूर्व कार्यवाहक सरकार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया, जिससे राजनीतिक गतिरोध समाप्त हुआ। सलाम, जो एक अनुभवी राजनयिक और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं, ने 24 मंत्रियों की एक समावेशी कैबिनेट बनाई है जिसमें ईसाई और मुस्लिम संप्रदायों के बीच समान रूप से पद बांटे गए हैं। नई सरकार ने देश को लंबे आर्थिक संकट से बाहर निकालने के लिए आवश्यक सुधारों को लागू करने का वादा किया है। यह सत्ता परिवर्तन हिज़बुल्लाह के करीब माने जाने वाले नेताओं से दूर होने का संकेत भी देता है, जो लेबनान की राजनीति में लंबे समय से प्रभावी रहे हैं। नवाफ़ सलाम की नेतृत्व क्षमता और सुधारों की प्रतिबद्धता को देखते हुए जनता में आशा की नई किरण जगी है।

9. कैबिनेट ने दक्षिण तट रेलवे जोन के निर्माण को मंजूरी दी

7 फरवरी को, केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय रेलवे के तहत एक नए रेलवे जोन—दक्षिण तट रेलवे—के निर्माण को मंजूरी दी। यह जोन वाल्टेयर डिवीजन के एक हिस्से से बनेगा, जिसे अब विशाखापत्तनम डिवीजन के नाम से जाना जाएगा। यह फैसला आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत लिया गया है और इसका उद्देश्य रेलवे संचालन में दक्षता बढ़ाना है। 2019 के पहले के फैसले में संशोधन करते हुए, कैबिनेट ने वाल्टेयर डिवीजन को छोटा करके बनाए रखने और इसका नाम बदलकर विशाखापत्तनम डिवीजन करने का निर्णय लिया। कैबिनेट ने कहा कि ‘वाल्टेयर’ एक औपनिवेशिक विरासत है जिसे बदलने की आवश्यकता थी। नए दक्षिण तट रेलवे के तहत वाल्टेयर डिवीजन का लगभग 410 किलोमीटर का हिस्सा शामिल होगा, जिसमें पलासा-विशाखापत्तनम-दुव्वाडा, कुनेरू-विजयनगरम, नऊपाडा जंक्शन-परलाखेमुंडी, और अन्य मार्ग शामिल हैं। बाकी 680 किलोमीटर का हिस्सा पूर्व तट रेलवे के तहत एक नए डिवीजन में बदला जाएगा, जिसका मुख्यालय रायगड़ा में होगा।

10. विश्व दलहन दिवस 2025: पोषण व पर्यावरण संरक्षण में दलहनों की भूमिका

विश्व दलहन दिवस हर साल 10 फरवरी को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य दलहनों के पोषण और पर्यावरणीय लाभों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। वर्ष 2025 के लिए इसका विषय है – “दलहन: कृषि-खाद्य प्रणालियों में विविधता लाना”। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2019 में घोषित किया गया था, जिसमें इसकी पहल पश्चिम अफ्रीकी देश बुर्किना फासो ने की थी।

दलहन, जिन्हें सामान्यतः “फलियां” भी कहा जाता है, विश्वभर में उगाए जाते हैं और इन्हें “वैश्विक खाद्य पदार्थ” माना जाता है। इनमें प्रोटीन की प्रचुर मात्रा होती है, साथ ही ये वसा में कम और घुलनशील फाइबर से भरपूर होते हैं। इनके सेवन से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और यह रक्त शर्करा को संतुलित रखने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, यह मोटापे को नियंत्रित करने और मधुमेह जैसे गैर-संचारी रोगों के प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दलहन की विशेषता यह है कि इनमें नाइट्रोजन-स्थिरीकरण की क्षमता होती है, जिससे मृदा की उर्वरता में सुधार होता है। इस प्रकार, दलहन न केवल पोषण में सहायक हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

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