Daily Current Affairs in Hindi | 27 November 2024

27 November 2024 | Daily Current Affairs in Hindi: भारत में विभिन्न महत्वपूर्ण घटनाओं की घोषणा और पहलें सामने आई हैं। विदेश मंत्रालय ने दिनेश भाटिया को ब्राजील में भारत का नया राजदूत नियुक्त किया है, जो भारत-ब्राजील संबंधों को और मजबूत करेंगे। वहीं, इंडसइंड बैंक और यूनिसेफ ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए पांच जिलों में जलवायु सहनशीलता बढ़ाने के लिए साझेदारी की है। इस बीच, सरकार ने अटल इनोवेशन मिशन को 2028 तक बढ़ाने और ₹2,750 करोड़ का बजट आवंटित करने की मंजूरी दी है। भारत ने रियाद डिज़ाइन लॉ संधि के अंतिम अधिनियम पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिससे बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में मजबूत कदम उठाए गए हैं। आयकर विभाग ने PAN 2.0 परियोजना को मंजूरी दी है, जो डिजिटल अनुभव को और बेहतर बनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को बरकरार रखा है, जिससे भारतीय लोकतंत्र की भावना को मजबूती मिली है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘नई चेतना 3.0’ अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण है। सरकार ने ₹2,481 करोड़ के साथ राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन शुरू किया है, ताकि किसानों को रासायनिक खादों से बचाया जा सके। बिनोद कुमार को इंडियन बैंक का नया एमडी और सीईओ नियुक्त किया गया है, जो बैंक के विकास को नई दिशा देंगे। इन पहलाओं से देश के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय विकास में नई उम्मीदें बन रही हैं।

Daily Current Affairs in Hindi (27 November 2024)

Current Affairs in Hindi
Daily Current Affairs in Hindi | 27 November 2024

1. दिनेश भाटिया बने ब्राजील में भारत के नए राजदूत, विदेश मंत्रालय ने की घोषणा।

25 नवंबर को भारत के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि 1992 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी दिनेश भाटिया को ब्राजील में भारत का नया राजदूत नियुक्त किया गया है। वर्तमान में भाटिया अर्जेंटीना में भारत के राजदूत के रूप में सेवाएं दे रहे हैं, जहाँ उन्होंने 21 अगस्त 2019 को अपना कार्यभार संभाला था। इसके पहले, वे टोरंटो में भारत के कौंसुल जनरल और कोट डी’आइवोयर, गिनी व लाइबेरिया में भारत के राजदूत रह चुके हैं। भाटिया ने मुंबई में परमाणु ऊर्जा विभाग में भी अपनी सेवाएं दी हैं और भारत के पर्यटन मंत्री के निजी सचिव के रूप में कार्य किया है। वे एक लेखक भी हैं और उनकी लिखित पुस्तकें जैसे “देवी पुराण” (2023 में ब्लूम्सबरी द्वारा प्रकाशित) और “सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए भौतिकी” (1994 में प्रकाशित) काफ़ी प्रसिद्ध हैं। भाटिया का यह अनुभव और योगदान उनकी नई भूमिका में महत्वपूर्ण होगा।

2. इंडसइंड बैंक और यूनिसेफ ने 5 जिलों में जलवायु सहनशीलता बढ़ाने के लिए साझेदारी की।

इंडसइंड बैंक ने यूनिसेफ के साथ साझेदारी कर पांच जिलों में जलवायु सहनशीलता को मजबूत करने की पहल की है। यह सहयोग महाराष्ट्र के धाराशिव, बिहार के बेगूसराय, तमिलनाडु के विरुधुनगर, राजस्थान के बारां, और उत्तर प्रदेश के बहराइच जिलों में जलवायु-प्रतिक्रिया संबंधी प्रणालियों को लागू करने, आपदा तैयारी में सुधार, और सरकारी नीतियों को सुदृढ़ बनाने पर केंद्रित है। यह पहल इंडसइंड बैंक के समग्र ग्रामीण विकास कार्यक्रम (क्लाइमेट एक्शन सेक्शन) का हिस्सा है, जिसे आकांक्षी जिलों में लागू किया जा रहा है। यूनिसेफ के साथ मिलकर बैंक जिला स्तर पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रमों को बढ़ावा देगा। भारत में एसडीजी के लिए सीएसआर ट्रस्ट (CTSI) इस कार्यक्रम की देखरेख करेगा। आईआईटी गांधीनगर एक निगरानी और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करेगा, जबकि गोरखपुर पर्यावरण कार्रवाई समूह स्थानीय अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह पहल जलवायु संकट के खिलाफ सामुदायिक स्तर पर प्रभावी कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त करेगी।

3. सरकार ने ₹2,750 करोड़ बजट के साथ अटल इनोवेशन मिशन को 2028 तक बढ़ाने को दी मंजूरी।

केंद्र सरकार ने अटल इनोवेशन मिशन (AIM) को 2028 तक जारी रखने के लिए मंजूरी दे दी है। इस पहल के तहत, मिशन का कार्यक्षेत्र बढ़ाते हुए ₹2,750 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। AIM 2.0 को ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य भारत के पहले से ही समृद्ध इनोवेशन और स्टार्टअप इकोसिस्टम को और मजबूत बनाना, विस्तार करना और गहराई देना है। भारत वर्तमान में ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 39वें स्थान पर है और दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम का घर है। AIM 2.0 इनपुट्स को बढ़ाने और आउटपुट्स की गुणवत्ता में सुधार करके भारत के इनोवेशन और उद्यमिता के क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह कार्यक्रम देश के युवाओं और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करेगा और उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में मदद करेगा।

4. भारत ने रियाद डिज़ाइन लॉ संधि के अंतिम अधिनियम पर हस्ताक्षर किए

दो दशकों की बातचीत के बाद, वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन (WIPO) के सदस्य देशों ने ऐतिहासिक डिज़ाइन लॉ संधि (DLT) को अपनाया। भारत ने इस संधि के रियाद डिज़ाइन लॉ संधि के अंतिम अधिनियम पर हस्ताक्षर किए। यह कदम भारत के समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है और देश की प्रगति को और मजबूती देता है। यह संधि औद्योगिक डिज़ाइनों की सुरक्षा के लिए प्रक्रियात्मक ढांचे को एकरूप बनाती है, जिससे पंजीकरण प्रक्रियाएं कई क्षेत्रों में अधिक सुलभ और प्रभावी होंगी। अब डिज़ाइनरों के लिए अपने कार्यों को देश और विदेश दोनों में सुरक्षित करना अधिक सरल, तेज़ और किफायती होगा। इस संधि के तहत औद्योगिक डिज़ाइन पंजीकरण के लिए मानकीकृत ढांचा प्रस्तुत किया गया है, जो आवेदनकर्ताओं के लिए प्रक्रियागत जटिलताओं और प्रशासनिक बोझ को कम करेगा। इसके अलावा, यह संधि अधिकारों की पुनर्स्थापना का प्रावधान करती है, जिससे आवेदनकर्ताओं को छूटे हुए अवसरों को फिर से प्राप्त करने का मौका मिलेगा।

5. आयकर विभाग की PAN 2.0 परियोजना को केंद्र की मंजूरी, डिजिटल अनुभव होगा बेहतर।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने आयकर विभाग की PAN 2.0 परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर 1,435 करोड़ रुपये का वित्तीय खर्च होगा। इसके तहत मौजूदा पैन प्रणाली को पूरी तरह से उन्नत किया जाएगा और एकीकृत पोर्टल प्रदान किया जाएगा। हालांकि, मौजूदा स्थायी खाता संख्या (PAN) में कोई बदलाव नहीं होगा। यह परियोजना ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसका उद्देश्य करदाताओं के लिए पंजीकरण सेवाओं की व्यावसायिक प्रक्रियाओं का पुनर्गठन करके और PAN/TAN सेवाओं में तकनीकी सुधार के माध्यम से डिजिटल अनुभव को बेहतर बनाना है। PAN 2.0 के तहत मौजूदा PAN/TAN 1.0 इकोसिस्टम को अपडेट किया जाएगा, जिसमें कोर और नॉन-कोर PAN/TAN संचालन को जोड़ा जाएगा और PAN सत्यापन सेवाएं प्रदान की जाएंगी। यह परियोजना, PAN को सभी नामित सरकारी एजेंसियों के डिजिटल सिस्टम में एक सामान्य पहचानकर्ता के रूप में उपयोग करने में सक्षम बनाकर, डिजिटल इंडिया के उद्देश्यों के साथ मेल खाती है।

6. सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को बरकरार रखा।

सुप्रीम कोर्ट ने 1976 में 42वें संविधान संशोधन द्वारा संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को वैध ठहराया। अदालत ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का अभिन्न हिस्सा है और संसद को अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन का अधिकार है। ‘धर्मनिरपेक्ष’ का अर्थ है ऐसा गणराज्य जो सभी धर्मों का समान आदर करता है। ‘समाजवादी’ का अर्थ है ऐसा गणराज्य जो शोषण के सभी रूपों को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह फैसला 2020 में दायर याचिकाओं पर आया, जिसमें इन शब्दों की वैधता पर सवाल उठाए गए थे। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि संविधान सभा ने ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को जानबूझकर प्रस्तावना से बाहर रखा था। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने ‘धर्मनिरपेक्षता’ की अपनी परिभाषा विकसित की है, जिसमें सरकार किसी धर्म का समर्थन नहीं करती और न ही किसी धर्म के पालन या प्रचार में बाधा डालती है।

7. नई चेतना 3.0: शिवराज सिंह चौहान ने शुरू किया अभियान, #अबकोईबहनअहीं पर जोर

25 नवंबर को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘नई चेतना – पहल बदलाव की’ अभियान का तीसरा संस्करण लॉन्च किया। यह राष्ट्रीय अभियान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मौजूद लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस अवसर पर श्री चौहान ने कहा कि लिंग आधारित हिंसा केवल ग्रामीण क्षेत्रों की समस्या नहीं है, बल्कि शहरी समाज भी इससे अछूता नहीं है। इस अभियान के तहत 13 राज्यों में 227 नए जेंडर रिसोर्स सेंटर (GRC) का भी उद्घाटन किया गया। ये केंद्र पीड़ितों को मदद और समर्थन का एक सशक्त माध्यम प्रदान करेंगे, जहां वे अपनी समस्याएं साझा कर सकते हैं और समाधान पा सकते हैं। केंद्रीय मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने भी #अबकोईबहनअहीं अभियान शुरू किया, जो इस पहल का हिस्सा है। यह अभियान समाज में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल देता है ताकि लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए जा सकें। ‘नई चेतना 3.0’ इस दिशा में एक बड़ा कदम है।

8. केंद्र ने ₹2,481 करोड़ के साथ राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) शुरू किया।


भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) की शुरुआत की है, जिसे एक स्वतंत्र रूप से प्रायोजित केंद्रीय योजना के रूप में लागू किया जाएगा। इस मिशन का वित्तीय परिव्यय ₹2,481 करोड़ निर्धारित किया गया है। इसका उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीकों की ओर प्रेरित करना है, जिससे खेती की लागत को कम किया जा सके और बाहरी इनपुट पर निर्भरता घटाई जा सके। यह मिशन स्थानीय पशुधन को विविध फसल प्रणालियों के साथ जोड़ने, स्थान-विशिष्ट तकनीकों का उपयोग करने, और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप कृषि-पर्यावरणीय सिद्धांतों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके जरिए स्वस्थ मिट्टी के पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा, जैव विविधता को प्रोत्साहन मिलेगा, और फसलों की विविधता सुनिश्चित होगी। प्राकृतिक खेती न केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन प्रदान करेगी बल्कि दीर्घकालिक मिट्टी की सेहत और पर्यावरणीय स्थिरता को भी सुनिश्चित करेगी। इस पहल का उद्देश्य खेती में स्थिरता और किसानों की समृद्धि लाना है।

9. एफएसआईबी ने बिनोद कुमार को इंडियन बैंक के एमडी और सीईओ पद के लिए नामित किया।

फाइनेंशियल सर्विसेज़ इंस्टीट्यूशन्स ब्यूरो (एफएसआईबी) ने इंडियन बैंक के एमडी और सीईओ पद के लिए बिनोद कुमार का नाम सुझाया है। वर्तमान में बिनोद कुमार पंजाब नेशनल बैंक में कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वह अगले महीने एस. एल. जैन के सेवानिवृत्त होने के बाद यह पद संभालेंगे। एफएसआईबी ने इस पद के लिए 15 उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया था। इससे पहले अप्रैल में एफएसआईबी ने अशीष पांडे का नाम प्रस्तावित किया था, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने उनके नाम पर आपत्ति जताई थी। अब एफएसआईबी की सिफारिश पर अंतिम निर्णय नियुक्ति मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा लिया जाएगा। एफएसआईबी का नेतृत्व भानु प्रताप शर्मा कर रहे हैं, जो कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के पूर्व सचिव हैं। इसके अन्य सदस्य अनिमेष चौहान, दीपक सिंघल और शैलेन्द्र भंडारी हैं।

10. सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को बरकरार रखा।

सुप्रीम कोर्ट ने 1976 में 42वें संविधान संशोधन द्वारा संविधान की प्रस्तावना में जोड़े गए ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को वैध ठहराया। अदालत ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का अभिन्न हिस्सा है और संसद को अनुच्छेद 368 के तहत संविधान संशोधन का अधिकार है। ‘धर्मनिरपेक्ष’ का अर्थ है ऐसा गणराज्य जो सभी धर्मों का समान आदर करता है। ‘समाजवादी’ का अर्थ है ऐसा गणराज्य जो शोषण के सभी रूपों को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह फैसला 2020 में दायर याचिकाओं पर आया, जिसमें इन शब्दों की वैधता पर सवाल उठाए गए थे। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि संविधान सभा ने ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को जानबूझकर प्रस्तावना से बाहर रखा था। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने ‘धर्मनिरपेक्षता’ की अपनी परिभाषा विकसित की है, जिसमें सरकार किसी धर्म का समर्थन नहीं करती और न ही किसी धर्म के पालन या प्रचार में बाधा डालती है।

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